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Laptop Battery discharge after 2 years
जब से मार्केट में चाइना का माल आना शुरू हुआ है, तबसे लैपटॉप मार्केट में बहुत सारी फर्जी कंपनियां भी आ गई है और वह कस्टमर की जेब काटने के लिए हमेशा तैयार रहती है. इसके लिए उन्होंने एक बहुत ही बड़ी तरकीब निकाली है क्यों ना बैटरी के अंदर ही कुछ ऐसी गड़बड़ी कर दी जाए जिससे कस्टमर परेशान हो करके दोबारा हमारे पास फिर से आए.
अगर आप बैटरी को थोड़ा-बहुत अच्छे से जानते हैं वैसे बहुत सारे लोग ऐसा नहीं करते हैं कि लैपटॉप की बैटरी को खोल कर देखें, लेकिन अगर आप ऐसा करते हैं तब आप उसके अंदर पाएंगे कि जो लैपटॉप की बैटरी है. वह बहुत सारे लिथियम सेल का कंबीनेशन है.
इस तरह की जो भी बैटरी होती है लिथियमसेल के कॉन्बिनेशन से बनी होती है उसकी अपनी एक लाइफ साइकिल होती है लिथियम सेल की चार्ज-डिस्चार्ज साइकिल की कुछ लिमिट होती है। और हर साइकिल की एक लिमिट सेट होती है.
हर बैटरी को आप चार्ज और डिस्चार्ज करते हैं तब आप उसको जितनी बार चार्ज और डिस्चार्ज करेंगे उसका एक साइकिल सेट होता जाएगा.
जैसे 500 बार तक फुल चार्ज – डिस्चार्ज (साइकिल ) तक बहुत अच्छी बैकअप देती है। 700 साइकिल तक भी ठीक-ठाक बैकअप दे देती है।
लेकिन आजकल जो लैपटॉप की बैटरी बनाने वाली कंपनी है वह इसके अंदर एक लिमिट सेट करके रख दे रही है.
वह बैटरी के अंदर एक सर्किट लगा कर के सेट कर रही हैं उसका टाइम पीरियड कि आपने उसको कितनी बार चार्ज और डिस्चार्ज किया है.
अगर सर्किट 500 cycle पर काम करना होता है तब उसकी सेटिंग ऐसी होती है की यह 300 cycle पर ही काम करना बंद कर देता है.
बैटरी जैसे ही 300 साइकिल पूरी करती है, बैटरी मैनजमेंट सर्किट (BMS) Neutal हो जाता है और बैटरी की 300 साइकिल पर dead हो जाती है, तब आप कह सकते हैं कि बैटरी की जो कहानी थी वह 500 साइकिल नहीं. असली कहानी 300 cycle पर ही खत्म हो जाती है.
Battery ka real-life example
मेरे दोस्त के laptop ki battery 2 साल के अंदर ही खराब हो गई थी. जब मैंने उसको बोला उसको थोड़ा open करके देखो.
तब उसने उसको चेक किया और पाया इसके अंदर सर्किट है वह सिर्फ 300 तक ही सेट था.
फिर उसने इसके अंदर खुद नए सेल लिथियम के डालें. नए सेल के बावजूद बैटरी voltage नहीं दे रही थी. क्योंकि उसका BMS आउटपुट वोल्टेज नहीं दे पा रहा था.
काफी सर्च करने के बाद यह पता लगा की बहुत सारी कंपनियां यह जानबूझकर ऐसा कर रही हैं 300 life cycle पूरा करने के बाद भी बैटरी का सेल अच्छा होता है लेकिन उसके अंदर जो कंपनियां सर्किट लगा देती है उसकी वजह से बैटरी वोल्टेज नहीं दे पाती है.
वह ऐसा इसलिए करती है ताकि बंदा दोबारा मेरे पास आए और नया माल लेकर के जाए.
कुछ कंपनियां इससे भी आगे बढ़कर काम करती हैं वह BMS के EEPROM चिप को को सीक्रेट कोड से लॉक करके रखती है. अगर आप लैपटॉप में नई बैटरी लगा भी दे तब भी EEPROM इसको read नहीं करेगा. उसका chip 300 cyle यह समझेगा और वोल्टेज नहीं देगा.
Local repair
क्या हम इसको किसी techniccian से रिपेयर करवा सकते हैं. शायद नहीं क्योंकि कोई भी लोकल टेक्नीशियन इतना बड़ा झंझट नहीं लेना चाहता है.
होता क्या है कि कंपनी हमेशा जुगाड़ सेट करके रखती है.पुरानी सेल निकालेंगे तो सर्किट डिटेक्ट कर लेगा और चिप में कुछ डिजिटल इन्फ्रोमेशन सेव रहती है जो पुरानी बैटरी हटाने के साथ ही गायब हो जाती है।
इसलिए अगर आप इसमें नया cell भी डालेंगे तब भी यह नहीं चलेगी. तब आपने अक्सर देखा होगा कि कोई भी बैटरी को रिपेयर नहीं करता है. बोलता है उसको कबाड़ में दे दो.
points
अब आप तो समझ गए होंगे कि अगर आप लोकल कंपनी की बैटरी लेते हैं तब कोई बैटरी 2 साल से ज्यादा नहीं चल पाएगी.
How to take care battery
इसके लिए अगर आपको अपनी बैटरी का ध्यान देना हैं तब आप अपने लैपटॉप को किस तरीके से चलाते हैं यह भी देखना होता है
अगर आप अपने लैपटॉप को रोजाना लगातार चलाते हैं तब 300 साइकिल तक पहुंचने में 1 साल का वक्त लग जाता है और अगर आप कुछ दिन के बाद रुक-रुक कर के अपने लैपटॉप को चलाते हैं तो इसमें 2 से 4 साल तक का वक्त लग जाता है
कहने का मतलब यह है कि अगर आप जिस हिसाब से अपने लैपटॉप को चलाएंगे आपकी बैटरी उतनी ही जल्दी खराब हो जाएगी.
क्या हर कंपनी ऐसा करती है
बिल्कुल भी नहीं हर एक ब्रांडेड कंपनी यह काम बिल्कुल नहीं करती है क्योंकि उनको अपना ब्रांड बनाना होता है वह अपने लैपटॉप की बैटरी की लाइफ जितनी ज्यादा हो सकती है उतनी ज्यादा बढ़ाने की कोशिश करती हैं.
सभी कम्पनिया BMS लॉक और 300 वाली लिमिट नहीं रखती। कई कंपनिया जब तक बैटरी चल सके चलाती है। नए मॉडल्स के लैपटॉप में ये लिमिट वाली तकनीक आने लगा है।
You can Increase your Laptop Battery Life
क्या आप अपनी बैटरी को 5 साल तक चला सकते हैं. अगर आप अपने लैपटॉप को कम इस्तेमाल करते हैं.
लेकिन अगर मैं बोलूं आप अपने लैपटॉप को रोज 8 घंटे इस्तेमाल करते हैं और आपके लैपटॉप की बैटरी किसी ब्रांडेड कंपनी की है जैसे कि Dell etc. तब आपको सिर्फ एक छोटा सा ध्यान रखना होगा
जब भी आप अपने लैपटॉप को चार्ज करें तब 80% से ज्यादा चार्ज ना करें उसको निकाल ले
कहने का मतलब यह है कि आपको चार्ज और डिस्चार्ज का ख्याल रखना पड़ेगा.
आप अपने लैपटॉप को हमेशा Plug-in mode मोड में रखें इससे यह होगा कि आपको जैसे ही अलर्ट आएगा की Battery Low तब आप उसको तुरंत चार्ज पर लगा दे और जब 80% पर पहुंच जाए आप उसको Plug निकाल ले.
ऐसा करके अपनी बैटरी की लाइफ को अच्छे से बड़ा सकते हैं.
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jugaad
आप अपनी पुरानी लैपटॉप की बैटरी को पावर बैंक की तरह इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आप जुगाड़ का इस्तेमाल करें कबाड़ में देने से अच्छा है
मेरे सुझाव के अनुसार आप हमेशा किसी ब्रांडेड कंपनी जो मार्केट में बड़ा नाम है उसके हिसाब से ही बैटरी या लैपटॉप खरीदें क्योंकि
सस्ता रोए बार-बार
महंगा रोए एक बार
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