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When to exit a stock position|when to enter and exit a stock in intraday
when to exit an investment
when to exit options trade
इस तरह के सवाल हर एक investor, या एक Day trader के दिमाग में हर दिन चलते रहते हैं, जब तक वह मार्केट में अपनी पोजीशन को बना करके रखता है, मतलब की पोजीशन लाइव मार्केट में रहती है और उसका पैसा अब स्टॉक में डायरेक्ट चल रहा होता है. जब मार्केट fluctuate करता है ऊपर नीचे करता है एक ay trader के दिल की हालत भी उसी हिसाब से डगमगाने लगती है मतलब उसके अंदर एक डर आ जाता है.
इस तरह का fear बहुत ही कॉमन है.
मार्केट में दो तरह से लोग ट्रेड करते हैं
इंट्राडे ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट
चलो सबसे पहले इंट्राडे ट्रेडिंग के बारे में बात करेंगे कि यहां पर आपको अपनी पोजीशन को कब exit , square off करना होता है
when to exit options trading position
आप चाहे ऑप्शन ट्रेडिंग कर रहे हो, या स्टॉक में इंट्राडे ट्रेड कर रहे हो. दोनों का उत्तर आपको एक ही है अगर आपने पोजीशन अपनी बना करके रखी है. तब आपको क्या करना चाहिए?
सबसे पहले आप पोजीशन जब भी बनाने जाते हैं. intraday trading में तब आपको पता होता है कि हमें अपनी पोजीशन मार्केट खत्म होने से पहले अपनी पोजीशन को cut कर देना है. चाहे मुझे प्रॉफिट हो या loss क्योंकि अगर आप नहीं करेंगे ऐसा तो ब्रोकर आपकी पोजीशन को अपने आप काट देगा।
अब यहां पर आपको यह देखना होता है मार्केट कभी भी एक जैसा नहीं चलता है पूरे दिन भर कभी आपको प्रॉफिट दिखाता है तो कभी आपको loss दिखाता है. आपको अपना प्रॉफिट पहले से ही डिसाइड कर लेना है position बनाने से पहले।
आपको अपना sell oder लगा देना है, इससे होगा क्या आपकी भावना आप को रोक नहीं पाएगी और आपका जब भी मुनाफा आएगा पोजीशन अपने आप कट जाएगी
स्टॉप loss हमेशा रेडी करके रखना है मतलब आप जब भी अपनी पोजीशन को बनाते हैं तब बिना स्टॉप लॉस के बिना कभी भी ट्रेड ना करें। इससे यह होगा अगर आप बिना स्टॉपलॉस के ट्रेड करते हैं अब आप जब भी नुकसान में जाने लगेंगे, तब वहां पर आप अपनी पोजीशन को
काट नहीं पाएंगे ऐसा इसलिए होगा वहां पर आपके emotion काम नहीं करेंगे।
Emotion kill your Money
क्योंकि हर एक इंसान की भावना होती है इस वजह से नुकसान में होता है तब वह सोचता है कि मेरा नुकसान थोड़ा सा ऊपर आ जाए फिर मैं यहां से निकल जाऊंगा वह यहां से नहीं निकलता है और वह इसी इंतजार में लगा रहता है, मार्केट रिकवर करेगा और मेरा नुकसान कम होगा इस सोच में लगा रहता है.
और मार्केट उसको और नुकसान करवाता रहता है अंत में मार्केट खत्म होने से पहले उसको अपनी पोजीशन बड़े नुकसान में काटनी पड़ती है
यहां पर उसकी भावना उसको रोकती है. अगर आपने पहले से ही अपना नुकसान डिसाइड कर लिया और स्टॉप लॉस लगा दिया तब मार्केट खुद पर खुद आपकी पोजीशन को काट देगा जिससे आपका नुकसान बहुत कम होगा
अब चलिए बात करते हैं अगर आप एक लंबे समय के इन्वेस्टर है
लॉन्ग इन्वेस्टमेंट long term stock
ऐसे समय के लिए अगर आप कोई stock को लेते हैं यह दिमाग में सोच कर कि अब मैंने इसको लंबे समय के लिए ले लिया है. अगर यह थोड़ा बहुत नीचे भी जाएगा अब मैं इसको एग्जिट नहीं करूंगा, ऐसा एक्सपोर्ट बोलते हैं कि अगर आप लंबे समय के लिए कोई स्टॉक को ले रहे हैं. तब आपको छोटी -मोटी गिरावट से नहीं डरना चाहिए।
मैं बताता हूं इस बात में आधी सच्चाई है आपको सारी मीडिया चैनल हर कोई जितने भी एक्सपर्ट आते हैं वह अलग अलग तरह की बातें करते हैं.
लेकिन आपको क्या करना चाहिए आपको उन सब की बातें जरूर सुननी चाहिए लेकिन एक बार उनकी बात सुनकर अगर आप कोई स्टॉक खरीद लेते हैं तब वह एक्सपर्ट आपको दोबारा नहीं मिलेगा टीवी पर बहस करते हुए अगर वह स्टॉक बहुत ज्यादा गिरने लगेगा।
इसलिए आप अगर किसी कंपनी के साथ में लम्बे समय के लिए जुड़ रहे हैं या स्टॉक खरीद रहे तब आप उसके बिजनेस पार्टनर बन रहे हैं.
आपको क्या करना होगा
आपको डीएचएफएल DHFL (Deewan Housing Finance Limited) के बारे में जरूर पता होगा यह कंपनी अभी बस 3 साल पहले तक इस कंपनी का भाव 700 रुपए से भी ज्यादा था तब हर एक्सपर्ट आपको यह बोलता था इस कंपनी में बहुत बड़ा दम है और यह कंपनी निफ़्टी
फिफ्टी का भी हिस्सा बन सकती है. साथ ही साथ इस कंपनी में राकेश झुनझुनवाला ने DHFL में पैसे लगाए थे. अगर राकेश झुनझुनवाला
किसी कंपनी में पैसा लगाते हैं तब लोग आंख मूंदकर उनके पीछे भागने लगते हैं कि भाई अगर इन्होंने कोई कंपनी पसंद की है तो जरूर उसमें कुछ गुंजाइश है कि वह कंपनी ऊपर जाएगी। तब यहां पर लोग आपने दिमाग का इस्तेमाल नहीं करते राकेश झुनझुनवाला एक बहुत
बड़े इन्वेस्टर है और हो सकता है। जिस कंपनी में पैसा लगाएं वहां के बोर्ड मेंबर में भी शामिल हो सकते हैं तब वह उस कंपनी को बहुत अच्छे से समझ सकते हैं इसलिए अगर कभी कंपनी में कुछ गड़बड़ हो तो वह पहले से ही एग्जिट कर जाएंगे लेकिन उनके पीछे जितने लोगों ने भी पैसा लगाया होगा वह बाद में एग्जिट कर पाएंगे।
आज डीएचएफएल DHFL का share स्टॉक मार्केट से delist हो चुका है और इसमें बहुत सारे छोटे इन्वेस्टर का पैसा खत्म हो चुका है. क्योंकि इस कंपनी का स्टॉक जीरो 0 हो गया है.
यस बैंक के बारे में आपने सुना होगा यस बैंक का स्टॉक बस 2 साल पहले ₹400 के ऊपर दौड़ रहा था तभी हर कोई पैसा लगाने के लिए बोल रहा था आपसे
आज yes bank ka share 11 रुपए से भी कम भाव में मिल रहा है. जिन लोगों YES BANK में पैसे डाले थे उनके पैसे तो लगभग-लगभग खत्म हो चुके हैं क्या करना चाहिए आप खुद सोचिए कि आप लॉन्ग टाइम के लिए यह सोच कर दिमाग में आएंगे की एक्सपर्ट ऐसा बोलते हैं की
छोटी मोटी गिरावट को नजरअंदाज करो तब क्या सच में ऐसा है बिल्कुल भी नहीं। क्योंकि यह मैंने पहले बताया आपको कि इसमें आधी सच्चाई है जब भी किसी कंपनी में 20 % से ज्यादा गिरावट आपको नजर आए तब आपको alert हो जाना चाहिए और आपको उस कंपनी की पड़ताल शुरू कर देनी चाहिए कुछ गड़बड़ तो नहीं चल रही है या यह स्टॉक खराब तो नहीं हो गया है.
अगर सच में ऐसा है तब आपको उस स्टॉक से एग्जिट कर जाना ही बेहतर होगा। अब कुछ लोग यह सोचते हैं कि हम अगर एग्जिट कर जाएंगे तो क्या बात में दोबारा से पोजीशन बना पाएंगे इसलिए लोग एग्जिट नहीं करते हैं मेरा कहना यह है कि अगर उस कंपनी में फिर से रिकवरी
आने लगे तब आप उस कंपनी में फिर से अपनी एंट्री पोजीशन ले सकते हैं और थोड़ी-थोड़ी मात्रा में स्टॉक उठाना शुरू कर दें क्योंकि अगर आप फिर से पूरा पैसा डालेंगे पूरा एक साथ हो सकता है आपका पैसा फिर से ब्लॉक हो जाए इसलिए थोड़ा-थोड़ा ही आप एंट्री ले दोबारा से जब वह स्टॉक रिकवरी करने लगे.
चलिए कुछ खास बातें या कुछ ऐसे टिप्स जिनको अपनाकर अपने होने वाले लॉस से बच सकते हैं या उसको बहुत कम कर सकते हैं अपने नुकसान को
यह बातें हम लॉन्ग टर्म इन्वेस्टमेंट से बता रहे हैं
Evaluate company fundamental analysis
लंबे समय के लिए अगर किसी कंपनी में जुड़ना चाहते हैं मतलब आप उस कंपनी का स्टॉक खरीद रहे हैं लंबे समय के लिए अब आपको उस कंपनी का पोस्टमार्टम, या कंपनी की भाषा में कंपनी की एनालिसिस करना बेहद जरूरी होता है.
अगर आप ऐसा नहीं कर रहे हैं अब आप वहां पर एक बड़ा खतरा भी मोल ले रहे हैं.
company business model
आपको कंपनी का बिजनेस भी समझना होगा और बिजनेस समझने के लिए आपको ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है आप बहुत सारी जानकारी गूगल पर फ्री में ले सकते हैं उस कंपनी के बारे में अगर कंपनी नई NEW है तब हो सकता है आपको उसकी जानकारी कम मिले।
इसलिए आप कंपनी के मैनेजमेंट को भी फॉलो करें कंपनी के मैनेजमेंट को फॉलो करने के लिए सबसे बढ़िया सोशल मीडिया है
लिंकेडीन LinkedIn , कंपनी के जो मैनेजमेंट के लोग LinkedIn में जरूर रहते हैं और कंपनी के बारे में समय-समय पर पोस्ट करते रहते हैं आप ऐसे लोगों को उनकी प्रोफाइल के बारे में जाकर फॉलो-अप कर सकते हैं इससे आपको बहुत मदद मिलेगी।
Annual General Meeting
कंपनी की एनुअल जनरल मीटिंग सालाना बैठक में क्या हो रहा है और कंपनी ने अपने बिजनेस को बढ़ाने के लिए क्या प्रोग्राम लॉन्च करने वाली है इन सब बातों का आपको जानकारी होना बहुत जरूरी है अगर आप लंबे समय के लिए जुड़ना चाहते हैं.
क्वार्टर रिजल्ट Quarterly Result
कंपनी की हर तिमाही जो भी रिजल्ट आ रहा है उस पर नजर रखनी होगी कंपनी का रिजल्ट 3 या 4 quarter से लगातार खराब आना शुरू हो जाए और कंपनी का खर्चा बढ़ने लगे तब यह खराब मैनेजमेंट की निशानी है और कंपनी फ्यूचर में खराब हो सकती है
Sudden fall in market is good or bad
अचानक से अगर कोई स्टॉक गिर जाए तब हो सकता है आपको वहां पर इतना ज्यादा घबराने की जरूरत ना हो लेकिन आपको वहां पर पूरी तरीके से अलर्ट हो जाना चाहिए। क्योंकि हो सकता है उसमें कोई इतनी खराब न्यूज़ आ गई जिसकी वजह से स्टॉप लगातार गिरने वाला हो तब
आप उस न्यूज़ को पूरी तरीके से अपने हिसाब से पढ़े और समझे लेकिन डिसीजन अपने हिसाब से ही लें. वहां पर आप पूरी तरीके से अलर्ट हो जाएं कि आपको क्या करना है
क्योंकि यस बैंक या डीएचएफएल स्टॉक में लगातार गिरावट नहीं आई थी उनमें 1 दिन बहुत बड़े गिरावट आई थी तो उस गिरावट आपकी नजर होनी चाहिए थी
हर एक बड़ी गिरावट अवसर नहीं होती है.
कुछ लोग बड़ी गिरावट के चक्कर में बैठे रहते हैं कि अगर यह स्टॉक गिर गया है तब मुझे मौका मिल गया है इसमें माल उठाने का लेकिन आपको बता दें लगातार गिरते हुए किसी भी shares को नहीं उठाना चाहिए जब तक कि वह अपनी रिकवरी ना करें
आप यहां पर कुछ टेक्निकल इंडिकेटर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं
RSI और मूविंग एवरेज
RSI इस इंडिकेटर का इस्तेमाल बहुत सारे लोग oversold , overbought को देखने के लिए करते हैं आप भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं इसके फायदे बहुत ही ज्यादा बड़े हैं.
दूसरा आप moving average का इस्तेमाल करें अगर कोई स्टॉक लगातार 200 days के मूविंग एवरेज के नीचे बना हुआ है अब इसको आपको देखना है वह कितने दिन से 200 दिनों के मूविंग एवरेज के नीचे ट्रेड कर रहा है और उससे ऊपर नहीं उठ पा रहा है. तब आपको ऐसे
स्टॉक एग्जिट कर देना ही समझदारी का काम होगा क्योंकि अगर वह स्टॉप दोबारा से ऊपर में आने लगे तब आप फिर से अपनी पोजीशन को बना सकते हैं लेकिन यहां पर आप अपना नुकसान होने से बचा सकते हैं.
failed ब्रेकआउट
आपको ऐसे टेक्निकल देखे होंगे जो ब्रेकआउट देने में फेल हो जाते हैं. या false breakout भी बोलते हैं लोग ऐसे इंडिकेटर को आपको देखना और समझना होगा आपको इसकी अच्छी प्रैक्टिस करनी होगी
support and resistance
सपोर्ट एंड रेजिस्टेंस इंडिकेशन टेक्निकल एनालिसिस का बहुत बड़ा हिस्सा है. अगर आपको यह समझ में आ गया तब स्टॉक को समझना आसान हो जाएगा
बस इस इंडिकेटर को ही या इस प्रकार की skill को अपनाकर बहुत सारे लोग इसमें बहुत बड़ा पैसा बनाते हैं और पैसा बना करके निकल लेते हैं
क्योंकि कुछ स्टॉप शेयर्स सिर्फ एक रेंज में चलते हैं या तो वह रेंज में जा कर के वापस लौट आते हैं. इससे होता क्या है कि जो लोंग टर्म इन्वेस्टर होते हैं उनके समय का बहुत बड़ा नुकसान होने लगता है क्योंकि स्टॉक या शेयर्स एक रजिस्टेंस पर जाकर के लौट आता है वहीं अगर
शॉर्ट टर्म ट्रेडर होगा। या किसी ने positional ट्रेडिंग बना रखी होगी तब वहां पर अपने मुनाफे को काट कर के निकल लेगा
इसको अगर रिलायंस कंपनी का उदाहरण रिलायंस कंपनी स्टॉक 10 साल तक सिर्फ एक ही प्राइस रेंज में घूम रहा था आप इसको चार्ट से भी देख सकते हैं तब यहां पर जो शॉर्ट टर्म ट्रेड कर रहे थे उन्होंने बीच-बीच में खूब पैसा कमाया लेकिन जो long-term वाले लोग थे उनको 10 साल के बाद इसमें ग्रोथ देखने को मिली
अब यह बोला जाए बहुत सारे investor furstation में आकर इस तरह के स्टाफ को बेच देते है
आपको यह देखना होगा क्या कंपनी का बिजनेस अच्छा है अगर कंपनी का बिजनेस अच्छा है तब आपको Shares ko नहीं बेचना चाहिए
कब तक लॉन्ग टर्म
सिंपल है Stock मतलब कंपनी
और कंपनी मतलब बिज़नेस
बिजनेस मतलब प्रोडक्ट,सर्विसेज
अगर किसी कंपनी का बिजनेस अच्छा है उसमें आगे ग्रोथ भी दिख रही है. और कंपनी को चलाने वाला व्यक्ति, key people मैनेजमेंट के लोग बढ़िया है तब तक आप उस कंपनी के साथ जुड़े रह सकते हैं.
company corporate governor issue
कॉर्पोरेट गवर्नर इशू ,अक्सर कंपनी तलब कंपनी के अंदर जो कंपनी के शेयर होल्डर है और कंपनी के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स के बीच में संबंध सब सही चल रहा है अगर गड़बड़ चल रहा है तब इसको पब्लिक में लाना जरूरी है. कंपनी के मैनेजमेंट को इसका एक्शन लेना होता है कि अगर कुछ गलत हो रहा है क्योंकि कंपनी का बिजनेस transparent और लीगल तरीके से होना चाहिए।
कंपनी के पार्टनर के बीच कोई भी कानूनी लड़ाई-झगड़ा नहीं होना चाहिए।
suppliers, banks, and other regulatory authorities, इन सबके बीच में संबंध अच्छी होनी चाहिए
company फंडामेंटल changing
आपको ऐसी कंपनी तुरंत छोड़ देनी चाहिए और इस पर विचार करना चाहिए इस तरह की कंपनी में अगर फंडामेंटल लगातार चेंज हो रहे हैं जैसा कि मैंने आपको पहले बताया कि अगर उसके क्वार्टर रिजल्ट गड़बड़ आ रहे हैं तब आपको अलर्ट हो जाना है. अगर कंपनी data दिखाने में देरी कर रही है और कंपनी पर कर्जा भी बढ़ रहा है. ऐसी कंपनी के लिए खतरा है
यह थी कुछ बातें आपको कब तक कंपनी के साथ जुड़े रहना चाहिए। और कब निकल जाना चाहिए।
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धन्यवाद
Sir ye article dekh kar bahut acchi jankari mele hai thanku sir ji
Thank You Anand one request please share this article whats app and social media ..taki mai or article post karu aap ko acchi jankari mile