Hedge Hedging हेजिंग क्या होती है| kaise karte hai

Stock Market में आपने जो स्टॉक खरीदे हैं या आप कोई ऑप्शन में ट्रेडिंग कर रहे हैं  उस जगह पर जितना रिस्क हो सकता है उस  होने वाले रिक्स से बचाने के लिए हमें अपनी पोजीशन को  हेज करना होता है  जैसे (delta hedging,gamma hedging,currency option hedge) इस तरह के कुछ हेज होते हैं

स्टॉक मार्केट में Hedge  करना आपने अक्सर बहुत सारे ट्रेडर्स  से सिर्फ बात करते वक्त सुना होगा और अगर आप खुद ट्रेडर है तो आप भी Hedge के बारे में  थोड़ा बहुत जानते होंगे  चलिए जो लोग नहीं जानते हैं उनको हम बताते हैं कि

आखिर हेज  होता क्या है?

स्टॉक मार्केट  ट्रेडर हेज  क्यों करते हैं?

कितना जरूरी होता है  हेज  करना ?

हेज  नहीं किया  तब आपका रिस्क इतना ज्यादा बढ़ जाएगा कि आप अनुमान भी नहीं लगा सकते हैं !!

दोस्तों स्टॉक मार्केट में हेज  लोग अपनी पोजीशन को रिस्क  से बचाने के लिए करते हैं  वह कैसे किया जाता है यह हम आपको बताते हैं

सीधी और सिंपल भाषा में अगर हम बोले  हेज  का मतलब Risk cover  या Protection  होता है

  • आइए जानते हैं लोग ऑप्शन में अपनी पोजीशन को हेज कैसे करते हैं 

 कुछ लोग फ्यूचर में ट्रेड करते हैं तो वह फ्यूचर में हेज कैसे करते हैं

कुछ लोग ऑप्शन में ट्रेड करते हैं  तो वह ऑप्शन में हेज करेंगे अपनी पोजीशन को

कुछ लोग सिर्फ स्टॉक की  इक्विटी Equity  खरीदते हैं और उसको शॉर्ट सेल करते हैं वह अपनी पोजीशन को हेज करते हैं  Risk  से बचाने के लिए

Example 

Nifty July Future  किसी ने खरीदा  और अगर मार्केट नीचे गिरने लगा तो क्या होगा उसको बहुत ज्यादा नुकसान होगा वह अपनी पोजीशन को बचाने के लिए क्या करेगा Nifty August Future Sell  कर देगा  अब यहां पर गौर करने वाली बात यह होगी कि दोनों के जो प्राइस होंगे  मतलब दोनों का जो  भाव होगा वह अलग-अलग होगा उसके बीच का जो डिफरेंस आएगा या अंतर वह Difference  उसका मुनाफा होगा 

अब अगर मार्केट ऊपर  बढ़ता है तो उसको मुनाफा होगा लेकिन अगर वह गिरता है तब उसने जो फ्यूचर को Sell कर रखा है  Future  उसको Risk  कवर देगा और उसको नुकसान होने से बचाएगा

इसको दूसरे उदाहरण से समझते हैं

अगर किसी ने  Bank Nifty ki Put PE Value  को Sell or Short  कर रखा है  कोई भी Put   तब शार्ट करता है जब उसको लगता है कि मार्केट ऊपर की तरफ बढ़ेगा  लेकिन अगर मार्केट नहीं  बड़ा तब क्या होगा  उसको नुकसान होने लगेगा

अब इस नुकसान से बचने के लिए वह क्या करेगा  एक दूर का PUT PE Buy  कर  लेगा

जब अगर मार्केट नीचे गिरने लगेगा तो यह दूर वाला Put  उसको Risk Cover  देगा और उसको नुकसान होने से बचाएगा

इसी तरह से लोग करंसी में भी हेज करते हैं Currency trading

जो लोग करेंसी में Trade करते हैं  वह लोग अपनी पोजीशन को हेज  करके चलते हैं

जैसे कोई 

USD/INR   मे Trade करता है  मान लिया वह  अगस्त का फ्यूचर  Buy  करता है

usdinr August future  Buy  करता है  बिल्कुल उसी तरीके जैसे कि मैंने निफ्टी में समझाया था अगर डॉलर नहीं बढ़ा तब क्या होगा उसको नुकसान होगा बहुत ज्यादा इसलिए उससे बचने के लिए वह 2 या 3 महीने के आगे का फ्यूचर Sell कर देगा 

जैसे Usdinr Oct future Sell 

Sell  करके  वह अपनी पोजीशन को हेज  कर लेगा  अगर डॉलर नहीं बढ़ा तो  दूर वाली जो उसकी पोजीशन है वह उसको कवर करेगी  उसको Loss से बचाने के लिए

बैंक निफ़्टी में  हेजिंग कैसे करते हैं| Bank nifty opiton me hedge kaise karte hai

hedging in option trading in nifty and bank nifty trading

बैंक निफ़्टी निफ़्टी 50 में हेजिंग  करने का तरीका बिलकुल एक जैसा है यहाँ  पर मैं आपको बैंक निफ्टी में एक हेजिंग  को एक उदाहरण लेकर समझने की कोशिश करते हैं.

यहां पर मैंने  बैंक निफ़्टी का ऑप्शन चेन Bank nifty option chain में  डाटा ओपन किया है.

ऑप्शन चैन क्या होती है इसके बारे में आप यहां पढ़ पढ़ सकते हैं.

किसी भी ऑप्शन की स्ट्राइक प्राइस निकालने के लिए हमें ऑप्शन चेंज का डाटा देखना जरूरी होता है क्योंकि यहां पर हमें कॉल और पुट दोनों आसानी से समझ में आ जाते हैं.

यहां पर हम आज  ऑप्शन चैन 30  नवंबर 2021  के डाटा का अपडेट है.

अभी जैसे हम यह मानते हैं कि बैंक निफ्टी का  स्ट्राइक प्राइस मतलब करंट लेवल 36000  चल रहा है.

मैं यहां पर इसी के आसपास  इसके पुट को शार्ट करने की कोशिश करूंगा।

कोई भी Put  कब sell  करता है.

कोई भी ऑप्शन सेलर पुट जब  सेल  करता है. जब उसको लगता है मार्केट यहां से और ऊपर की तरफ जाएगा।

अगर मैंने  यहां पर पुट को sell  किया। और मार्केट हमारे  हिसाब से नहीं चला तब क्या होगा तब हमें भारी नुकसान होने लगेगा इसलिए इससे बचने के लिए हमें  एक put को  खरीद लेना होगा।

इसके लिए हम इसी के आसपास की  एक पुट  को हम खरीद लेते हैं

Bank nifty option chain kaise dekhte hai 1
bank nifty option chain data kaise dekhte hai

जैसे मैंने यहां पर आपको समझाया है। 

36000  की पुट का स्ट्राइक  प्राइस 889 रु है 

यहाँ पर हम 889 रुपये की  पुट को  शॉर्ट कर रहे हैं.

इसको हम हेज  करने के लिए  हमें क्या करना होगा।

हेज  करने का मतलब  होने वाले नुकसान से बचाना है. 

इसलिए हम  लोग  यहां पर लगभग इसी के आसपास का एक पुट  खरीद लेते हैं.

Nifty bank nifty option chain data
Nifty option chain call and put strike price option selling kaise kare

जैसा कि यहां पर आपको दिख रहा होगा 34900  स्ट्राइक प्राइस का एक पुट  इसकी कीमत  लगभग 514 रुपये  है. हम इसको खरीद लेते हैं.

अगर मार्केट  नीचे गिरेगा तब हमें  फायदा होगा। और अगर नहीं गिरा तब हमें यह पुट बचाएगा नुकसान से.

हमारा प्रॉफिट कैसे निकलेगा 

अगर मार्केट हमारी दिशा के हिसाब से चलेगा तब हमारा प्रॉफिट

लगभग  अगर हम इसको पूरी एक्सपायरी तक रोक कर रखते हैं तब तक कि यहां पर बात हो रही है. मतलब यह अगर जीरो हो जाता है. 

और अगर आप इससे पहले निकल जाते हैं तब इसमें आपका इतना प्रॉफिट  कम  बनेगा।

अगर जीरो वाली स्थिति हो जाती है तब आपका प्रॉफिट कितना बनेगा।

प्रॉफिट = Short position ka price-Buy position ka price

                889-514=375 points

अगर यह पोजीशन एक एक्सपायरी  तक जीरो हो जाती है तब आपको इतना मुनाफा हो सकता है.

अब लगता है आपको hege करना आ गया होगा आप इसी तरह से कॉल को भी hedge कर सकते हैं और निफ्टी को भी hedge कर सकते हैं और किसी भी स्टॉक ऑप्शन को भी  कर सकते हैं.

ऑप्शन चैन एनालिसिस क्या होती है| Bank nifty option chain kaise dekhte hai

ऑप्शन चैन  डाटा कॉल  और पुट  दोनों का कलेक्शन होता है यहां पर कॉल राइटर और पुट राइटर दोनों की स्थिति उनके स्ट्राइक प्राइस और संख्या के आधार पर बताई जाती है.

ऑप्शन चैन के आधार पर हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि ऑप्शन सेलर का बाजार को लेकर क्या अनुमान चल रहा है अगर यहां पर पुट राइट  बहुत ज्यादा होंगे तब हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि मार्केट अब बढ़ सकता है वहीं अगर कॉल राइटर  ज्यादा होंगे तब हम यह अनुमान लगा सकते हैं कि मार्केट यहां से गिर सकता है.

फिर भी यहां पर एक ध्यान देने वाली बात यह है कि यहां पर सिर्फ अनुमान के आधार पर ही हम अनुमान लगा सकते हैं बाजार का कोई भी गारंटी नहीं होती है किसी भी चीज की.

ऑप्शन राइटर क्या हमेशा सही होते हैं| option writer kya hai

बिल्कुल ऐसा बिल्कुल भी नहीं है लेकिन ऐसा माना जाता है कि एक कॉल को राइट करने के लिए या एक पुट  को राइट करने के लिए ऑप्शन खरीदने के बजाय ऑप्शन बेचने में बहुत ज्यादा पैसे की या मार्जिन की जरूरत पड़ती है. और जिसके पास मार्जिन होता है वह मार्केट को अच्छे से एनालिसिस करता है और मार्केट की एनालिसिस और अनुमान के आधार पर हम यह अनुमान लगा लेते हैं कि जो ऑप्शन राइटर हैं उन्होंने मार्केट को अच्छे से एनालाइज किया है इस वजह से हम यह मानकर चलते हैं कि ऑप्शन चैन का डाटा काफी हद तक अनुमान लगाया जा सकता है बाजार का.

लेकिन बहुत बार ऐसा होता है कि बाजार अनुमान के आधार के विपरीत चला जाता है और जो कॉल राइटर है वह पुट की तरफ भागने लगते हैं अपनी पोजीशन को काटकर उसी तरह से अगर पुट  राइटर का अनुमान गलत हो जाता है तब वह लोग अपनी पोजीशन को काटकर कॉल की तरफ भागने लगते हैं.

इससे यह पता लगता है कि हम सिर्फ अनुमान लगा सकते हैं ऑप्शन डाटा  और ऑप्शन चैन के आधार पर.

ऑप्शन हेज कने के लिए आपको आसान भासा में निफ़्टी इंडेक्स को जानना जरूरी है | निफ़्टी 50 में कैसे ट्रेड करते है जाने यहाँ

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