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Is Bid price and ask price not good for trading| how to trade in Bid price
Bid price is the right method of stock market to take a Oder
What is the Exact method of Bid price in Stock MarketWhat is bid price and ask price in stock market with example?
आज हम ट्रेडिंग में होने वाले Bid Price के बारे में बात करेंगे और यह जाने की कोशिश करेंगे कि आखिर Bid Price क्या होता है.
दोस्तों आप सभी को पता होगा कि अगर आप स्टॉक मार्केट में किसी भी शेयर को खरीदते हैं. तब उस शेयर को किसी ने Sell किया होगा तभी आपको यह शेयर मिला.
ठीक उसी तरह जब आप इस शेयर को बेचना चाहेंगे . तब आपको इसके लिए कोई खरीदार ढूंढना पड़ेगा.
इसको अगर हम ट्रेडिंग की भाषा में बोले तो यह Buyers और Sellers के बीच का सौदा होता है.
चलो तो हम इसको थोड़ा आपको 1990 के समय में लेकर चलते हैं कि उस समय Ask price यह कैसे काम करता था.
आपको हर्षद मेहता की वेब सीरीज Scam 1992 तो जरूर याद होगी अगर नहीं याद है तो आप देख सकते हैं.
आपने देखा होगा कि उस समय Bid (बोली लगाना) Ask (कीमत मांगना) यह सारा काम कुछ व्यक्तियों द्वारा किया जाता था जिसको उस समय Jobber बोला जाता था.
जो कि एक डीलर या Jobber के द्वारा यह काम किया जाता था. Jobber का काम यह होता था कि वह आपके कंपनी के शेयर को खरीदता और बेचता भी था.
उसको कुछ लोग डीलर भी बोलते थे. लेकिन ज्यादातर लोग उसे JOBBER बोलते थे.
इसको एक उदाहरण से समझते हैं अगर कोई डीलर या जॉबर आप से कोई शेयर खरीदा है तब वह उस शेयर का भाव Quote करता है जैसे कि 198 रुपए प्रति शेयर के भाव पर उसने यह भाव Quote किया है.
अगर आप अपने शेयर जॉबर को बेचना चाहते हैं तब आपको तब जॉबर उस शेयर की दूसरी कीमत quote करेगा। जो कीमत मार्केट में कम होगी जैसे मान लिया 180 रुपए प्रति शेयर।
मान लिया उसने आपसे शेयर खरीदने के लिए 180 रुपए का भाव दिया है तब अगर आप उससे किसी भी कंपनी के शेयर का भाव पूछेंगे तब वह आपको सीधे आपसे यह नहीं पूछेगा कि आप को खरीदना है या बेचना है वह आपसे बस एक भाव बताएगा
जैसे 180 /190
मतलब अगर आप शेयर बेचना चाहेंगे तब आपको वही शेयर 180 रुपए के भाव पर बिकेगा।
और अगर जॉबर फिर से वही शेयर आपको बेचना चाहेगा तब आप उस शेयर को 190 रुपए के भाव पर खरीद पाएंगे।
इस तरह के बिड और आस्क के फर्क ( दूरी ) को स्प्रेड कहते हैं.
अगर यह स्प्रेड मतलब बिड और आस्क के बीच का डिस्टेंस काफी बड़ा होता है तब यह माना जाता है कि वह स्टॉक illiquid है.
मतलब ऐसे स्टॉक्स में बहुत ही ज्यादा खरीदी और बिक्री नहीं होती है बहुत कम होती है.
इसको आज के समय के हिसाब से अगर आप देखें तो कोई भी penny stock इसमें बहुत ही ज्यादा खरीदी और बिक्री नहीं होती है और ऐसे स्टॉक कभी भी अचानक से बढ़ जाते हैं और अचानक से गिर जाते हैं.
बहुत बार इनमें स्प्रेड काफी कम होता है और इसको हम आज के समय के निफ़्टी 50 के स्टॉक्स से तुलना कर सकते हैं.
ऐसे स्टॉक्स में वॉल्यूम काफी ज्यादा होता है.
Bid and Ask price in stock option me kya hota hai
अगर आपको stock खरीदना है. तब आपको कोई बेचने वाले को ढूंढना होगा उसी तरह से अगर आपको स्टॉक बेचना है तब आपको किसी खरीदने वाले को ढूंढना होगा.
इसके लिए मैंने पुराने जमाने का उदाहरण दिया कि उस समय कैसे काम होता था अब आज के जमाने के जब ऑनलाइन सारा काम होता है तब यह कैसे काम करता है चलो इसको समझते हैं.
आपने बहुत बार ऑप्शन चैन में देखा होगा कि 2 तरह के प्राइस आपको नजर आते हैं Strike Price के साथ में तब वहां पर आपको थोड़ा सा समझने में दिक्कत भी होती है कि यह दो प्राइस क्या है Bid price and ask price in option chain
जिस कीमत पर शेयर बेचा जाता है . उस शेयर की कीमत को ask प्राइस बोला जाता है क्योंकि यह प्राइस आपके द्वारा मांगा जा रहा है और उसी तरह से जिस भाव पर खरीदार आप से खरीदना चाहता है वह शेयर को Bid price बोला जाता है.
Strike Price kya hota hai
स्ट्राइक प्राइस वह प्राइस होता है जिस प्राइस पर मार्केट अभी के समय में लगातार Flautuate कर रहा होता है.
जैसे अगर बैंक निफ़्टी ऑप्शन की बात करें मान लेते हैं कि बैंक निफ़्टी ऑप्शन अभी के समय 38500 पर उसका आस्क प्राइस का प्रीमियम Call या Put किसी भी तरफ कुछ संख्या में है जैसे 38500 CE 68 रुपए पर मिल रहा है. और उसी तरफ 37500 PE 98 रुपए पर मिल रहा है.
इसी तरह से अगर हम कोई स्टॉक ऑप्शन को लेते हैं तो भी उसके कॉल और पुट के ऑप्शन को हम उसके स्ट्राइक प्राइस के द्वारा ही निकाल पाएंगे या पता कर पाएंगे कि अभी उसका Stock option strike price कितना चल रहा है.
bid quantity and bid price
उसके लिए
bajaj auto
क्रमांक आस्क प्राइस- बेचने की कीमत/बेचने वाला क्या कीमत मांग रहा है कितने शेयर हैं बेचने के लिए बेचने वालों की संख्या
1 3298.8 2 2
2 3295.85 4 2
3 3296 8 2
4 3296.2 25 1
5 3308.25 5 1
अगर हम एक बजाज ऑटो का उदाहरण लेते हैं और बजाज ऑटो के स्टॉक्स से यह समझते हैं कि अभी आपको बजाज ऑटो का stock किस कीमत पर बेचना चाहते हैं.
इस कीमत पर बेचने के लिए यहां पर 5 Bid Price और 5 Ask Price लगाई गई है.
पहला प्राइस 3298.8 बजाज ऑटो के स्टॉक को बेचने के लिए लगाया गया है इस प्राइस को बेचने के लिए ही यह सबसे अच्छी कीमत मानी जा रही है बेचने वाला इसे इस भाव पर बेचना चाहता है.
लेकिन इस भाव पर सिर्फ 2 शेयर मिल रहे हैं.
और वह भी दोनों अलग-अलग लोगों के द्वारा बेचे जा रहे हैं
इसके बाद सबसे अच्छी कीमत 3295.85 रुपए हैं इस कीमत पर 4 शेयर बेचे जा रहे हैं और इसको 2 लोग Sell कर रहे हैं.
तीसरी सबसे अच्छी कीमत 3296 रुपए है इस कीमत पर 8 शेयर बेचे जा रहे हैं और इसको भी 2 दो लोग बेच रहे हैं.
आप को दिख रहा होगा सबसे ऊंची बोली 3308 रुपए पर ये बोली सबसे नीचे लगी हुई है और इस कीमत पर 5 शेयर मिल रहे हैं.
आप सोच रहे होंगे ऐसा क्यों है कि जो बोली सबसे ज्यादा है वह सबसे नीचे क्यों.
इसका सिंपल सा लॉजिक यह है कि स्टॉक एक्सचेंज ऐसे Bid को हमेशा प्राथमिकता देता है जिनकी बोली सबसे कम होती है.
और उन लोगों को पहले दिखाता है जो लोग अपना माल सबसे कम कीमत पर बेचना चाहते हैं.
Bid quantity and bid price
क्रमांक बिड प्राइस- खरीदने वाला कितनी कीमत देने को तैयार है बिड क्वांटिटी- कितने शेयरों की मांग है खरीदार की संख्या
1 3398.75 10 5
2 3398.2 6 1
3 3397.15 1 1
4 3396.85 6 1
5 3396.75 125 1
यहां पर आपको एक spread quote window दिखाई गई है और इसमें हमने बजाज ऑटो का उदहारण लिया है हम यहां पर देख पा रहे हैं कि अगर हमें बजाज ऑटो का स्टॉक बेचना है तब उसके लिए सबसे अच्छी कीमत 3398.75 रुपए दिखती है अब अगर आपको बजाज ऑटो के 20 स्टॉक बेचने है तब आपको 10 स्टॉक 3398 की कीमत पर बेचने पड़ेंगे .
और आपके बाकी के स्टॉक इन कीमत पर बिकेंगे अगर आप मार्किट प्राइस पर बेचते है
3398.2 पर 6
3397.15 पर 1
3396.85 पर 3
आपके stocks बिकेंगे इस तरह से आपके टोटल 20 stocks बिक जायेंगे.
Limit oder kya hota hai
लिमिट आर्डर वह ऑर्डर होता है जहां पर हम अपना प्राइस सिलेक्ट करते हैं अगर हमें कोई खरीदार उस भाव पर मिल जाता है तब हमारा Limit oder अपने आप कंप्यूटर के द्वारा बिक जाता है अगर आप उसको बेचना चाहते हैं और अगर आप उसको खरीदना चाहते हैं तो अपने आप लोग कंप्यूटर के द्वारा खरीद लिया जाता है.
इसको हम बजाज ऑटो के उदाहरण से ही समझते हैं मान लिया हम बजाज ऑटो के स्टॉक के 10 शेयर 3395 रुपए के भाव पर खरीदना चाहते हैं तब हमें फिलहाल कोई भी बेचने वाला नहीं दिख रहा है इस भाव पर इसके लिए हमें अपना Ask प्राइस जिसको लिमिट ऑर्डर बोलते हैं वहां पर हम लगाकर छोड़ देते हैं और अगर कोई बेचने वाला इस भाव पर आ जाता है तब हमारा कंप्यूटर उसको खरीद लेता है.
Market order limit order stop order kya hota hai| Market oder blocked kyon ho jata hai
मार्केट ऑर्डर में हम अगर हमें तुरंत अपने शेयर्स को बेचना है या खरीदना है और हम इंतजार नहीं कर सकते या जो अभी हमें भाव दिख रहा है वह हमारे लिए सबसे अच्छा भाव हमें लग रहा है तब हम कोई भी Limit नहीं लगाएंगे हम बाजार में जो भाव चल रहा होगा उस भाव पर ही खरीद लेंगे या अगर हमें सेल करना होगा तो हम उसे Sell कर देंगे . Market oder को सिलेक्ट करके.
दोस्तों आपको उम्मीद करता हूं जो यह हमने बताया है काफी डिटेल में समझाने की कोशिश की है और बहुत ही आसान भाषा में समझाने का प्रयास किया है अगर आपको हमारा प्रयास जरा भी अच्छा लगा है तो इस ऑडियो को आप दूसरों तक जरूर शेयर करें. आप हमें कोई भी सुझाव दे सकते हैं कमेंट के जरिए.