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आईपीओ में मैंने अप्लाई किया था मुझे लेकिन मेरा रिफंड अभी वापस नहीं आया मैं अब क्या करूं अलॉटमेंट नहीं मिला मेरा पैसा कब वापस मिलेगा रिफंड कब तक आएगा
आईपीओ स्टॉक मार्केट में लगातार आते रहते हैं और इसमें ज्यादातर देखा यह जाता है कि बहुत सारे नए लोग जो स्टॉक मार्केट में आते हैं वह लोग आईपीओ में जमकर अप्लाई करते हैं क्योंकि उनको यहां पर नई कंपनी का जो भाव होता है कम नजर आता है और इसके लिए वह ज्यादा से ज्यादा अप्लाई करने की कोशिश करते हैं उसी तरह से ब्रोकरेज कंपनी जो डिमैट अकाउंट आपका खुलवाती है वह कंपनी बहुत ज्यादा हाइप क्रिएट कर देती हैं जिससे नए लोग उत्साहित होकर के आईपीओ में अप्लाई करते हैं
आईपीओ में अप्लाई करने के बाद अगर आपको एलॉटमेंट नहीं मिलता है तब उस पैसे का रिटर्न आपको कौन करेगा इसके बारे में थोड़ी सी डिटेल में जानकारी देता हूं मैं आपको
आईपीओ कोई भी कंपनी लेकर जाती है लेकिन उसका Allotment एक बीच की संस्था करती है जिसको हम लोग IPO Registrar आईपीओ रजिस्ट्रार भी बोलते हैं आईपीओ का पूरा अल्लोत्मेंट का काम आईपीओ रजिस्ट्रार ही मैनेज करता है
सबसे पहले आपको यह जान लेना जरूरी होता है कि आईपीओ में जब भी आप अप्लाई करते हैं तब आपके पैसे का क्या होता है आजकल जो अप्लाई करने का तरीका है बहुत ही सिंपल है आप Phone Pay, Paytm Google Pay UPI Payment कर सकते हैं और कंपनियां इसी को
आजकल यानी इस तरीके को ही आजकल सबसे साधारण तरीका मान रही है क्योंकि इसका एक सबसे बड़ा फायदा यह है कि जब भी आप यूपीआई के जरिए अप्लाई करते हैं तो आपका पैसा सिर्फ ब्लॉक रहता है जब तक आपका अलॉटमेंट मंजूर ना हो जाए जब आपका अलॉटमेंट मिल जाता है तो कंपनी आपका पैसा वहां से डेबिट कर लेती है
हां पैसा आपका ब्लॉक ही रहता है तब होता क्या है कि जब एलॉटमेंट की डेट पूरी हो जाती है तब कंपनी जिन लोगों का अलॉटमेंट नहीं मिलता है तो वहां से उनका पैसा रिलीज करना स्टार्ट कर देती है
धीरे-धीरे आपका पैसा अनब्लॉक होने लगता है उन लोगों का जिन लोगों को अलॉटमेंट नहीं मिला होता है|
इसके लिए करना क्या होता है आपको सबसे पहले अपना बैंक स्टेटमेंट चेक करना होता है क्योंकि आपकी बैंक स्टेटमेंट में ही आपकी सारी फंड की डिटेल होती है
अगर आपको अलॉटमेंट नहीं मिला है तो आप का बैंक स्टेटमेंट आपका पूरा दिखाएगा उस fund को जोड़ करके दिखाएगा जितना आईपीओ के लिए था
बेहतर होगा कि आप अपना बैंक स्टेटमेंट चेक करें क्योंकि कंपनी पैसा तभी पैसा कटेगी जब आपका अलॉटमेंट मिल जाएगा और मिलने के बाद वह आपके अकाउंट में नजर आ जाएगा
क्या करें तब जब आपका फंड बैंक स्टेटमेंट में नहीं दिखा रहा होता है
बहुत सारे लोगों की शिकायत होती है कि उनका फंड वह कंपनी ही वापस करेगी लेकिन ऐसा नहीं है आपका फंड आपकी कंपनी वापस नहीं करती है आपका फंड आईपीओ रजिस्ट्रार ही वापस करेगा क्योंकि आईपीओ रजिस्ट्रार ही इस पूरी प्रक्रिया को मैनेज कर रहा होता है
आपको सीधे आईपीओ रजिस्ट्रार से संपर्क करना होता है इसकी जानकारी आप गूगल करके भी पता कर सकते हैं कि आपने फला कंपनी का रजिस्टर कौन है आप जैसे ही गूगल करेंगे आपको इस कंपनी का रजिस्टर मिल जाएगा और आईपीओ रजिस्ट्रार का आप कांटेक्ट नंबर ले करके आप उसको कॉल करें आपको वह सारी जानकारी देगा हां इसके लिए आपको कुछ डिटेल पहले से ही तैयार करके रखनी होती है जैसे कि
आपका पैन कार्ड नंबर
आपने जब अप्लाई किया था तो आपको एक डीपी नंबर मिला होगा वह नंबर आपको बताना होगा साथ ही साथ आपका डीमेट अकाउंट नंबर भी बताना होता है
और आप अपनी डेट ऑफ बर्थ Date of Birth से भी पता लगा सकते हैं
जैसे कि अभी जमाटो में बहुत सारे लोगों को अलॉटमेंट नहीं मिला तो उनको गूगल में यह डालकर सर्च करना है
जमोटो आईपीओ रजिस्ट्रार
आप इतना डाल कर सच करें आपको सारी जानकारी मिल जाएगी आप उसका कांटेक्ट नंबर ले और उससे कांटेक्ट करें
How to earn money from new IPO Indian Market
IPO se paise kaise kamaye jate hai
नए इन्वेस्टर या शार्ट टर्म ट्रेडर आईपीओ से अच्छा पैसा कमा सकते है
बस उनको थोड़ी बहुत मार्किट की समझ होनी चाइये
Benefits of IPO
आईपीओ खरीदने के फायदों के बारे में हर कोई जरूर बताता है बिल्कुल क्योंकि आप अगर कहीं कुछ पैसा लगाने जा रहे हैं तो उसमें फायदा जब तक नहीं होगा तो आप ऐसा नहीं लगाएंगे,
Listing Gain
बहुत सारे इन्वेस्टर आईपीओ में पैसा सिर्फ इसलिए लगाते हैं जब भी वह मार्केट में लिस्ट उसको अच्छी लिस्टिंग मिलती है तब उस दिन ही 20% से लेकर के 50% तक का मुनाफा कमाया जा सकता है
Long term Benefits:
कंपनी जब अपना IPO Market में ले करके आती है तब उसका Face value डिसाइड करती हैं उसके बाद जब प्राइस निश्चित किया कर लिया जाता है यह प्राइस निवेशक को आकर्षित करता है क्योंकि यहां पर अगर कंपनी का प्रोडक्ट अच्छा हुआ तब लॉन्ग टर्म में उसका प्राइस बहुत तेजी से बढ़ेगा और इन्वेस्टर जो इसमें लंबे समय के लिए जुड़ेंगे उनको काफी बड़ा फायदा हो सकता है
Price Catagory:
प्राइस को डिसाइड करने के लिए कई तरह की category में डिवाइड किया जाता है और हर एक कैटेगरी के लिए एक कोटा तय किया जाता है
HNI Investor
इस तरह की श्रेणी में ऐसे इन्वेस्टर आते है जो कम से कम ₹2 Lakh से ऊपर का माल खरीद सकते हैं,
Instutional Investor:
इस तरह की कैटेगरी में ऐसे इन्वेस्टर होते हैं या कंपनियां आती है जिनका इन्वेस्टमेंट बहुत बड़ा होता है लेकिन यह सब सेबी की गाइडलाइंस के हिसाब को ध्यान में रखकर बनाया जाता है
Retail Investor :
यह कोटा सबसे ज्यादा आकर्षित करता है उन लोगों को जो रिटेल मतलब कम से कम 1Lot में अप्लाई कर सकते हैं खासतौर से जिनके पास Min 15000 रुपए तक पैसा हो
How to apply in IPO | निवेश कैसे करें
इसमें दो तरीके से आप आवेदन कर सकते हैं
Offline Method
Online Method
पहले तरीका जो होता था, वो ऑफलाइन होता था लेकिन अब पूरी तरीके से ऑनलाइन हो गया है, इसलिए ऑफलाइन तरीके के बारे में बात करने की अब कोई जरूरत ही नहीं है
ऑनलाइन तरीका काफी आसान है आपके पास जिस भी ब्रोकर कंपनी का डिमैट अकाउंट है आप वहां जाकर के जो भी नया आईपीओ मार्किट में आने वाला है उस पर अप्लाई कर सकते हैं आपका पेमेंट भी UPI Method से बहुत ही आसानी से हो जाएगा जैसे कि Google pay, Phone pay, Paytm आप इनमें से कोई भी एक तरीका चुन सकते हैं
Disadvantage:
फायदों के बारे में हर कोई आपको बात करता हुआ दिख जाएगा और मैंने भी आपको फायदा बताएं अब इसके कुछ हानियों के बारे में बात करते हैं
आप जहां कहीं भी पैसा लगाने जा रहे हैं वहां पर आपको उसके Risk या उसके जरिए नुकसान होने के बारे में जान लेना जरूरी होता है
तो चलो जानते हैं क्या नुकसान हो सकता है अगर आप है आईपीओ में पैसा लगाते हैं
Financial Information
सेबी की गाइडलाइन के हिसाब से हर कंपनी को अपनी financial report जरूर पेश करनी होती है आपको यह जान लेना होता है कि यह कंपनी किस तरह का profit बना रही है और आपका किसने कितना Loss किया है.
company Directors and Management
कंपनी के मैनेजमेंट को समझना आपके लिए बहुत ही जरूरी होता है हालांकि यह सब जो मैं बता रहा हूं यह एक Long term investment point of view से जरूरी है मतलब बहुत लंबी दूरी के लिए किसी कंपनी के साथ जुड़ना चाहते हैं तब आपको यह सब देखना होगा कंपनी
का मैनेजमेंट क्या करता है, उसके प्रमोटर कौन है, प्रमोटर का डायरेक्टर कौन है, क्या डायरेक्टर समय-समय पर अपनी कंपनी सही से Lead कर पा रहा है, या मैनेजमेंट अपनी कंपनी को अच्छे से चल रहा है?
Shareholding Pattern:
कंपनी की हिस्सेदारी किन-किन लोगों के साथ में है मतलब क्या इसमें म्युचुअल फंड कंपनी भी जुड़ी है या जो बड़े इन्वेस्टर है वह इसमें किस तरह से जुड़कर काम कर रहे हैं, यह सब भी देखना पड़ता है|
Companies Product:
आपको कंपनी के प्रोडक्ट के बारे में बहुत ही ध्यान देना जरूरी होता है,अगर कंपनी का प्रोडक्ट खराब है या उसका सर्विस सही नहीं है यह सब भी ध्यान देना बहुत ही जरूरी है
Business Model:
कंपनी क्या काम करती है कंपनी कौन से प्रोडक्ट बनाती है और कंपनी का Main Business Model क्या है इस बिजनेस मॉडल के जरिए ही कंपनी अपनी भविष्य की योजनाएं Future goal बनाती है
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आप बिजनेस मॉडल को जरा भी नजरअंदाज ना करें
IPO Calender:
अब कुछ उन लोगों के बारे में बात करते हैं कि आईपीओ पता कैसे करें कि कौन सा आ रहा है इसके लिए तो आजकल हर एक Broker अपने Demat account के जरिए यह जानकारी अपने ग्राहकों तक पहुंचाता रहता है
लेकिन अगर आप और भी लंबे समय के लिए जुड़ना चाहते हैं कि भविष्य में कौन-कौन से आईपीओ मार्केट में आ रहे हैं तब आप इसके लिए NSE या BSE India वेबसाइट में डायरेक्ट जाकर आईपीओ कैलेंडर देख सकते हैं
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