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Income tax on cryptocurrency in India| crypto trading par kitna tax lagta hai
क्रिप्टो करेंसी जैसे Bitcoins, Ethereum और इसके जैसी बहुत सारी करेंसी यह सभी फिलहाल आरबीआई के रेगुलेशन से बाहर है. इसलिए अभी पर नियंत्रण लगाने की पूरी तैयारी चल रही है.
अभी ये सभी करेंसी Decentralised है मतलब अभी इन करेंसी पर सरकार का पूरी तरीके से नियंत्रण नहीं है और यह अभी Decentralized digital money के अंतर्गत आते हैं.
Crytpo par trader ya Investor ko kitna tax dena hota hai
क्रिप्टोकरंसी एक ऐसे नेटवर्क पर काम करती है जिसको ब्लॉकचेन के नाम से जानते हैं. Blockchain एक बहुत सारे कंप्यूटर नेटवर्क होता है जिसमें बहुत सारे कंप्यूटर एक दूसरे से कनेक्टेड होते हैं.
अगर आप क्रिप्टो करेंसी खरीदते हैं या उस में इंट्रेस्ट रखते हैं तब आपको इसके होने वाले फायदे और नुकसान के बारे में भी जानना जरूरी है.
अगर आप क्रिप्टोकरंसी में इन्वेस्ट करने जा रहे हैं तब यहां पर आपको क्रिप्टो टैक्स पर लगने वाले रेगुलेशन के बारे में भी जान लेना जरूरी है.
हालांकि क्रिप्टोकरंसी में फिलहाल अभी सरकार की तरफ से पूरी तरीके से नियंत्रण नहीं है और यह नहीं कहा जा सकता है कि यह एक लीगल टेंडर है या अवैध फिर भी यहां पर अभी इसको लेकर टैक्स की बातें हो रही है और अगर यह पूरी तरीके से लागू हो जाता है तब इसमें वह सारे टैक्स लगेंगे जो आप स्टॉक मार्केट में टैक्स Pay करते हैं.
अब आप सोच रहे होंगे कि गवर्नमेंट या सरकार इसमें किस तरीके से टैक्स आपसे ले सकती है अगर आप इसमें फायदा या नुकसान कुछ भी करते हैं और अगर आप इसमें ट्रेड करते हैं तो इसमें किस तरीके से आपको टैक्स देना होगा.
दुनिया भर की सारी संस्थाएं इस में लगने वाले टैक्स के बारे में विचार विमर्श कर रही है और इसमें आप पूरी तरीके से टैक्स से बच नहीं सकते हैं अगर आपको यहां पर मुनाफा और प्रॉफिट होता है तब आपको यहां पर टैक्स देना ही होगा यह आपको मान कर चलना है Tax तो देना ही है.
capital gains tax on cryptocurrency|
भारत के संदर्भ में बात करें तो भारत ने सन 2018 में RBI और कुछ अन्य बैंकों ने क्रिप्टो करेंसी के ट्रांजैक्शन पर रोक लगा दी थी.
यहां सिर्फ ट्रांजैक्शन पर रोक लगाई थी उसकी ट्रेडिंग पर रोक नहीं लगाई थी.
लेकिन 2020 में सुप्रीम कोर्ट के एक आर्डर के द्वारा इसमें दोबारा से ट्रेडिंग शुरू करी गई तब से लेकर अभी तक यह चल रही है लेकिन इस पर टैक्स देने की बात लगातार उठ रही है.
भारत में इनकम टैक्स अधिनियम Income Tax Act, 1961 के तहत अभी तक कोई भी गाइडलाइन या नियम जारी नहीं किया गया है सरकार की तरफ से टैक्स देने का लेकिन इसके साथ ही सभी टैक्सपेयर्स को और जो क्रिप्टोकरंसी में निवेश कर रहे हैं और उससे मुनाफा कमा रहे हैं उनके सारे ट्रांजैक्शन को आप इनकम टैक्स डिपार्टमेंट में आपको अपडेट करना होगा और बताना होगा.
कुल मिलाकर के यह बात निकल के आती है कि आपको टैक्स देना होगा.
capital gains tax on crypto | Bitcoin tax| capital gain on crypto long term investment
अगर आप cryptocurrency पर बात करते हैं तब यहां पर बहुत ही ज्यादा विरोधाभास है नियम और कानून बनाने में crypto rules and regulation
जैसे अगर आप किसी भी क्रिप्टोकरंसी में निवेश करते हैं और उसको आप 36 Months या लगभग 3 साल तक होल्ड करके रखते हैं तब आप उस पर अगर मुनाफा कमाते हैं और उसको बेचते हैं तब आपको यहां पर Long term Capital gain tax देना होगा. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स 20% लगता है.
लेकिन अगर आप इससे कम समय तक रखते हैं और उससे पहले इसको बेच देते हैं तब आपको Crypto Short term capital gain tax लगेगा जोकि स्टॉक मार्केट की तरह ही है. अभी यह निश्चित नहीं है कि क्रिप्टो पर कितना टैक्स लिया जाएगा लेकिन अगर आप स्टॉक मार्केट करते हैं तब आप अपने एडवाइजर से बात कर सकते हैं. जो कि शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स 15% तक लगता है. क्रिप्टो पर यह कितना लगेगा अभी यह निश्चित नहीं किया गया है.
Crypto trading income consider as a Business income|crypto trading busines hai
यहां पर वह सारे नियम लगने वाले हैं जो स्टॉक मार्केट में लगते हैं स्टॉक मार्केट में अगर आप ट्रेडिंग करते हैं और आप इंट्राडे ट्रेडिंग या आप एक शॉर्ट टर्म ट्रेडर है तब यहां पर इस पर होने वाली जो इनकम होती है वह बिजनेस इनकम मानी जाती है इसी तरह प्रकार से अगर आप क्रिप्टो में ट्रेडिंग करते हैं आप बिटकॉइन खरीदते हैं या कोई भी coin खरीदते हैं और उसको बेचते हैं तब आपको यहां पर जो भी इनकम होगी वह बिजनेस इनकम मानी जाएगी और आपका जो एक टैक्स लगेगा वह बिजनेस टैक्स लगेगा क्रिप्टो पर.
इसलिए आपको अपने ट्रांजैक्शन का रिकॉर्ड खुद निकाल कर समय-समय पर रखना होगा आपको हर 3 महीने का रिकॉर्ड प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंटअपने ब्रोकर से लेना होगा और उसका रिकॉर्ड रखना बहुत ही ज्यादा जरूरी है क्योंकि यह इनकम आपकी बिजनेस इनकम की तरह मानी जानी वाली है.
How we can classify cryptocurrency
क्रिप्टो करेंसी को आप इस तरीके से explain कर सकते हैं कि एक ऐसा digital token जो आपने अपने इन्वेस्टमेंट के लिए लिया है उस पर होने वाला लाभ आपको सूचित करता है कि आप यहां पर टैक्स अदा करें चाहे वह लोंग टर्म कैपिटल गैन टैक्स, शॉर्ट टर्म कैपिटल गैन टैक्स, जो कि आपकी रखने की अवधि तक निर्भर करता है कि आप उसको कितना लंबे समय तक रखते हैं.
इसको एक उदाहरण की तरह समझते हैं जैसे कि आपने आज एक Dogecoin, Binance, Ethereum इनमें से कोई करेंसी खरीदी और उसको आपने अपने पास रखने के बाद बेचा और बेचने पर आप ने मुनाफा कमाया तब आपको यहां पर टैक्स अदा करना पड़ेगा.
एक ध्यान देने वाली बात यह भी है कि अगर जब आप क्रिप्टो करेंसी से संबंधित अपना टैक्स इनकम टैक्स में फाइल करें तब वहां पर आप यह पूरी तरीके से समझ ले कि आपका टैक्स क्या बिजनेस इनकम कैटेगरी में आता है जैसे कि मैंने अभी पहले आपको बताया कि अगर आप ट्रेडिंग करते हैं तो आपकी इनकम बिजनेस इनकम में मानी जाएगी और अगर आप इसे खरीदते हैं और निवेश करते हैं तब आप इसमें सिर्फ कैपिटल गेन टैक्स. देना होगा आपको.
अभी फिलहाल UK, USA में क्रिप्टोकरंसी एक क्रिप्टो Assets मानी जाती है. भारत में भी यह एक Assets की तरह ही मानी जाती है और इस पर लगने वाला टैक्स आपको अदा करना होता है.